गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

संकल्पना का प्रकार संयोजक संकल्पना रोग पर लेसन प्लान S-CAM R-CAM लेसन प्लान पाठ योजना models of teaching subjects ke lesson plan bio

                        पाठ योजना 3


छात्रअध्यापिका का नाम दुर्गेश्वरी दिनांक 24/11/21
                     कक्षा छटवी समयअवधि 30मि   
                     विषय विज्ञान
                     प्रकरण   
                      मॉडल SCAM
                           
                      

अनुदेशात्मक प्रभाव 

विद्यार्थियों में संकल्पना की पद्धति की समझ का विकास करना
 विद्यार्थियों में संकल्पना निर्माण की पद्धतियों का विकास करना
 विद्यार्थियों में आगमन तर्क विकसित करना
 विद्यार्थी में विशिष्ट विषयों की समझ विकसित करना 

संकल्पना का नाम      
संकल्पना का प्रकार संयोजक संकल्पना

 संकल्पना के आवश्यक गुण:


 रोग एक असामान्य स्थिति है जो जीव की संरचना एवं कार्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

यह बाहरी चोट से अलग होते हैं।

यह सामान्य तौर पर किसी न किसी लक्षण से जुड़े होते हैं।

रोग एक ऐसी स्थिति है जो कोशिका , उत्तक एवं अंगों के सामान्य कार्य को प्रभावित करती है।

रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है।


संकल्पना की परिभाषा :

रोग किसी जीव की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक अवस्था से कोई हानिकारक विचलन है जो आमतौर पर किसी संकेतों और लक्षणों से जुड़ा होता है और शारीरिक चोट से प्रकृति में भिन्न होता है।
             


प्रस्तुति का माध्यम नोट्स
 

 
प्रदत्तो का प्रस्तुतीकरण

बुखार
बैग
सर्दी
गैस
पीलिया
पेज
हार्ट अटैक
दाल
कैंसर
डब्बा
दूर दृष्टि दोष
बालकनी
निकट दृष्टि दोष
आलू
अस्थमा
चम्मच
स्कर्वी
पेड़
पयोरिया
पौधे
मलेरिया
रोड


                                 प्रथम सोपान

 प्रदत्त का प्रस्तुतीकरण और संकल्पना का अभिज्ञान



सुप्रभात विद्यार्थियों आज मैं आपको एक नई विधि से पढ़ाने जा रही हूं जिसका नाम सिलेक्शन अभीमुखी संकल्पना प्राप्ति प्रतिमान है जो आज मैं आप लोगों को पढ़ाने जा रही हूं उसका टॉपिक मैं आप लोगों के नहीं बताऊंगी यह आप लोगों को पता लगाना है कि मेरा टॉपिक क्या होगा इसके लिए मैं आप लोगों के सामने कुछ उदाहरण प्रस्तुत करूंगी मैं जो उदाहरण प्रस्तुत करूंगी वह मिश्रित होंगे अर्थात उनमें मेरी संकल्पना के उदाहरण भी होंगे और कुछ नही भी शामिल होगे जब मैं उदाहरण प्रस्तुत करूंगी तब आप मुझसे कुछ प्रश्न करेंगे जिनका उत्तर मैं आपको बताते चलूंगी जिससे कौन सा उदाहरण मेरे कॉन्सेप्ट का है और कौन सा उदाहरण मेरे कांसेप्ट का नहीं है आप लोगों को मेरी कांसेप्ट पहचानने में मदद मिलेगी और आप कांसेप्ट को आसानी से पहचान पाएंगे आपको जैसे जैसे अपने उत्तर मिलने लगेंगे और आपके मन में जिन गुणों का आधार पर जो परिकल्पना बनेगी उससे आपको अपने कॉपी में लिखना होगा पर आप उसे गुप्त ही रखेंगे जिस किसी से भी प्रश्न किया जाए और यदि उसे उत्तर आता है तो अपना हाथ उठाकर सहमति प्रदर्शित करना होगा इसके बाद मैं आप लोगों की संकल्पना की जांच करूंगी कि आप लोगों ने सही संकल्पना बनाई है या नहीं इसके लिए मैं कुछ और उदाहरण दूंगी इस बार आपको बताना होगा कि कौन सा उदाहरण मेरी संकल्पना का होगा और कौन सा उदाहरण मेरे कांसेप्ट का नहीं है और इसे आप अपने कॉपी में लिखते चलेंगे जब आप अपने कांसेप्ट के आधार पर कांसेप्ट को पहचान लेंगे तब आप अपनी तरफ से कुछ उदाहरण देंगे उसके बाद मेरी संकल्पना का नाम और मेरे कांसेप्ट की आवश्यक गुण और परिभाषा बताएंगे अब मैं आपके सामने कांसेप्ट प्राप्ति से संबंधित कुछ प्रश्न पूछूंगी और आपको उनके उत्तर देने का प्रयास आपके सामने मिश्रित उदाहरण प्रस्तुत करने जा रही हूं इन्हें आप कॉपी में लिखते चलिए।



संकल्पना के अनामांकित उदाहरण


 कुष्ठ
फर्श
एक्जिमा
दीवाल
रेबीज
कम्बल
गोनोरिया
गेट
सिर दर्द
आइना
मधुमेह
गाडी
लू लगना
पानी
हाथ पैर दर्द
तकिया





संकल्पना का अभिज्ञान ,

विधार्थी : बुखार आपकी संकल्पना का सकारात्मक उदाहरण हैं?

शिक्षक: हां सकारात्मक उदाहरण

विधार्थी : दूसरा उदाहरण बैग आपकी संकल्पना का सकारात्मक उदाहरण है

शिक्षक : नहीं नकारात्मक उदाहरण है।

शिक्षक : आप में से कितने लोगों ने टॉपिक पहचान लिए हैं हाथ खड़ा कीजिए।

विद्यार्थी : कुछ विद्यार्थियों ने हाथ खड़ा किया है।

विधार्थी: हाथ पैर दर्द करना आपकी संकल्पना का सकारात्मक उधारण है?

शिक्षक: हा यह सकारात्मक उदाहरण हैं।

विधार्थी : तकिया आपकी संकल्पना का सकारात्मक उदाहरण हैं?

शिक्षक : नही यह नकारात्मक उदाहरण है।

विधार्थी : कुष्ठ आपकी संकल्पना का सकारात्मक उदाहरण है?

शिक्षक : हा यह सकारात्मक उदाहरण है।


शिक्षक : विद्यार्थियों कितने लोगों ने उदाहरणों के आधार पर अपनी कांसेप्ट को बना लिया है? 

विद्यार्थी: अधिकतर विद्यार्थियों के द्वारा सहमति प्रकट किए हैं।


द्वितीय चरण : संकल्पना की प्राप्ति का परीक्षण

विद्यार्थी अब मैं यह जांच करूंगी क्या आप लोगों के उदाहरण के माध्यम से सही कांसेप्ट तक पहुंचे हैं या नहीं।

क) विद्यार्थियों अब मैं आपके सामने कुछ और अनामांकित उदाहरण प्रस्तुत करूंगी आपको इन उदाहरणों को देखकर संकल्पना के सकारात्मक और नकारात्मक उदाहरणों की पहचान करना है।

अनामांकित उदाहरण

बुखार,बैग,सर्दी,गैस,पीलिया,पेज,हार्ट अटैक,दाल,कैंसर,डब्बा
,दूर दृष्टि दोष,बालकनी,निकट ,दृष्टिदोष,आलू,अस्थमा,चम्मच,स्कर्वी,पेड़,पयोरिया,पौधे,मलेरिया,रोड



शिक्षक: कुष्ठ रोग मेरी संकल्पना का कौन सा उदाहरण 
है? सकारात्मक या नकारात्मक

विद्यार्थी : सकारात्मक

शिक्षक : हा आपका उत्तर सही है।

शिक्षक: हमारी संकल्पना में फर्श सकारात्मक उदाहरण है या फिर नकारात्मक

विद्यार्थी : नकारात्मक उदाहरण

शिक्षक : हा आपका उतर सही है।

शिक्षक: हमारी संकल्पना में एक्जिमा सकारात्मक उदाहरण है या फिर नकारात्मक

विधार्थी : सकारात्मक उदाहरण है

शिक्षक: इसी प्रकार सभी उदाहरण पूछेंगे

(ख) विद्यार्थियों से उदाहरण पूछना

शिक्षक : आप टॉपिक में से अपने तरफ से कोई सकारात्मक उदाहरण दीजिए।

विद्यार्थी : वायरल फीवर, फीवर

शिक्षक : टॉपिक के कोई नकारात्मक उदाहरण बताइए?

विद्यार्थी : पेन , पेंसिल

ग ) टॉपिक के बारे में पूछना।

शिक्षक : विद्यार्थी आप आप मुझे टॉपिक का नाम बताइए।

विद्यार्थी : बीमारी/ रोग

शिक्षक : विद्यार्थियों टॉपिक की आवश्यक गुण बताइए।


रोग एक असामान्य स्थिति है जो जीव की संरचना एवं कार्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

यह बाहरी चोट से अलग होते हैं।

यह सामान्य तौर पर किसी न किसी लक्षण से जुड़े होते हैं।

रोग एक ऐसी स्थिति है जो कोशिका , उत्तक एवं अंगों के सामान्य कार्य को प्रभावित करती है।

रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है।

शिक्षक : विद्यार्थी परिकल्पना की परिभाषा बताइए।

रोग किसी जीव की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक अवस्था से कोई हानिकारक विचलन है जो आमतौर पर किसी संकेतों और लक्षणों से जुड़ा होता है और शारीरिक चोट से प्रकृति में भिन्न होता है।





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अधिसूचना विवरण

 संगठन का नाम

 भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) - परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई)

 भर्ती परीक्षा का नाम

 बीएआरसी स्रोत / डीजीएफएस 2023

 पोस्ट अधिसूचित

 वैज्ञानिक अधिकारी - समूह 'ए' राजपत्रित

 भर्ती प्रकार

 प्रशिक्षण के बाद स्थायी नौकरी

 भर्ती श्रेणी

 इंजीनियरिंग नौकरियां | तकनीकी नौकरियां | वैज्ञानिक नौकरियां

 बीएआरसी में ओसीईएस/डीजीएफएस प्रशिक्षुओं के लिए वेतन/वजीफा/वेतनमान

 ओसीईएस टीएसओ और डीजीएफएस फेलो को प्रशिक्षण के दौरान वजीफा और भत्ते:

 प्रशिक्षण के दौरान ओसीईएस टीएसओ और डीजीएफएस अध्येताओं को प्रति माह ₹ 55,000 के स्टाइपेंड का भुगतान किया जाएगा।

 BARC OCES TSOs और DGFS फेलो को ₹ 18,000 का एक बार का पुस्तक भत्ता भी दिया जाएगा।

 DGFS अध्येताओं को M.Tech के लिए शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है। / एम.केम। अभियांत्रिकी।

 डीजीएफएस फेलो को एम.टेक पूरा करने के लिए अतिरिक्त रूप से ₹ ​​40,000 का आकस्मिक अनुदान दिया जाता है। / एम.केम.इंजी. परियोजना संबंधी खर्च।

 प्रशिक्षण के दौरान क्रमशः डीएई या डीजीएफएस संस्थान छात्रावास में रहना और रहना अनिवार्य है।

 BARC / DAE इकाइयों में स्थायी नियुक्ति के बाद वैज्ञानिक अधिकारियों के लिए वेतन / वेतनमान -

 साइंटिफिक ऑफिसर 7वें केंद्रीय वेतन आयोग पे मैट्रिक्स के अनुसार लेवल 10 का पद है

 वैज्ञानिक अधिकारियों के लिए लेवल 10 में प्रारंभिक मूल वेतन ₹ 56,100 होगा

 ओसीईएस टीएसओ के लिए 2-3 अतिरिक्त वेतन वृद्धि और डीजीएफएस फेलो के लिए 3-4 अतिरिक्त वेतन वृद्धि, बीएआरसी/डीएई इकाइयों में वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में नियुक्ति के समय दी जा सकती है, जो कि ओरिएंटेशन कोर्स के दौरान उनके प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

 BARC OCES / DGFS 2023 के माध्यम से भर्ती वैज्ञानिक अधिकारी के लिए मासिक वेतन (तीन वेतन वृद्धि के साथ) वर्तमान मुंबई दर पर महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता सहित, लगभग ₹ 1,10,000 होगा।

 इसके अलावा वैज्ञानिक अधिकारी हवाई यात्रा अवकाश रियायत, बच्चों की शिक्षा भत्ता और व्यावसायिक अद्यतन भत्ता के भी हकदार होंगे।

 पोस्ट नाम

 वेतन / वेतनमान

 बार्क स्रोत टीएसओ

 रु. 55,000/- प्रति माह

 बीएआरसी डीजीएफएस फेलो

 रु. 55,000/- प्रति माह

 वैज्ञानिक अधिकारी

 स्तर 10 (रु. 56,100/- + भत्ते)

 सकल मासिक वेतन: ₹ 1,10,000/- (लगभग)

 BARC OCES / DGFS 2023 के लिए रिक्ति विवरण

 रिक्ति विवरण अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।

 BARC OCES / DGFS 2023 के लिए शैक्षिक योग्यता / पात्रता मानदंड

 इंजीनियरिंग डिग्री / M.Sc / M.E / M.Tech / अन्य शैक्षणिक डिग्री वाले उम्मीदवार, जैसा कि नीचे उल्लेख किया गया है, BARC OCES / DGFS 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 पेपर कोड और अनुशासन

 शैक्षिक योग्यता और गेट पेपर (गेट पेपर केवल तभी आवश्यक है जब उम्मीदवार गेट प्रवेश के लिए आवेदन करें)

 एमई (21) - मैकेनिकल

 मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री [गेट पेपर मैकेनिकल इंजीनियरिंग]


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बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

✍ Important Questions ✍📚 ✅ विश्व के प्रमुख संगठन और उनके मुख्यालय

📚✍ Important Questions ✍📚

 ✅ विश्व के प्रमुख संगठन और उनके मुख्यालय


1. रेडक्रॉस – जेनेवा

2. इंटरपोल (INTERPOL) – पेरिस (लेओंस)

3. एशियाई विकास बैंक (ADB) – मनीला

4. विश्व वन्य जीव संरक्षण कोष (WWF) – ग्लांड(स्विट्ज़रलैंड)

5. नाटो (NATO) – ब्रुसेल्स

6. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय – हेग

7. यूनिसेफ – न्यूयॉर्क

8. सार्क (SAARC) – काठमाण्डु

9. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) – नैरोबी

10. गैट (GATT) – जेनेवा

11. विश्व व्यापार संगठन (WTO) – जेनेवा

12. अमरीकी राज्यों का संगठन (OAS) – वाशिंगटन डी. सी.

13. अरब लीग – काहिरा

14. परस्पर आर्थिक सहायता परिषद् (COMECON) – मास

15. वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ चर्चेज (WCC) – जेनेवा

16. यूरोपीय ऊर्जा आयोग (EEC) – जेनेवा

17. अफ़्रीकी आर्थिक आयोग (ECA) – आदिस-अबाबा

18. यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ECTA) – जेनेवा

19. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) – जेनेवा

20. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) – वियना

21. पश्चिमी एशिया आर्थिक आयोग (ECWA) – बगदाद

22. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मलेन (UNCTAD) – जेनेवा

23. एमनेस्टी इंटरनेशनल – लंदन

24. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी (IOC) – लुसाने

25. यूरोपीय कॉमन मार्केट (ECM) – जेनेवा

26. राष्ट्रमंडलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मलेन (CHOGM) – स्ट्रान्सबर्ग

27. पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन (OPEC) – वियना

28. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) – पेरिस

29. यूरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय (EURATON) – ब्रुसेल्स

30. राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) – लंदन

31. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) – जेनेवा

32. यूरोपीय संसद – लक्जमबर्ग

33. यूरोपियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ESRO) – पेरिस

34. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) – जेनेवा

35. एशिया और प्रशांत क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक आयोग – बैंकाक

36. अफ़्रीकी एकता संगठन (OAU) – आदिस-अबाबा

37. यूनेस्को – पेरिस

38. विश्व बैंक – वाशिंगटन डी. सी.

39. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) – वाशिंगटन डी. सी.

40. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) – रोम

प्रमुख भारतीय लेखक व उनकी पुस्तकें

 प्रमुख भारतीय लेखक व उनकी पुस्तकें


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❀ पंचतंत्र ➞ विष्णु शर्मा

❀ प्रेमवाटिका ➞ रसखान

❀ मृच्छकटिकम् ➞ शूद्रक

❀ कामसूत्र ➞ वात्स्यायन

❀ दायभाग ➞ जीमूतवाहन

❀ नेचुरल हिस्द्री ➞ प्लिनी

❀ दशकुमारचरितम् ➞ दण्डी

❀ अवंती सुन्दरी ➞ दण्डी

❀ बुध्दचरितम् ➞ अश्वघोष

❀ कादम्बरी् ➞ बाणभटृ

❀ अमरकोष ➞ अमर सिहं

❀ शाहनामा ➞ फिरदौसी

❀ साहित्यलहरी ➞ सुरदास

❀ सूरसागर ➞ सुरदास

❀हुमायूँनामा ➞ गुलबदन बेगम

❀ नीति शतक ➞ भर्तृहरि

❀ श्रृंगारशतक ➞ भर्तृहरि

❀ वैरण्यशतक ➞ भर्तृहरि

❀ मुद्राराक्षस ➞ विशाखदत्त

❀ अष्टाध्यायी ➞ पाणिनी

❀ भगवत् गीता ➞ वेदव्यास

❀ महाभारत ➞ वेदव्यास

❀ मिताक्षरा ➞ विज्ञानेश्वर

❀ राजतरंगिणी ➞ कल्हण

❀ अर्थशास्त्र ➞ चाणक्य

❀ कुमारसंभवम् ➞ कालिदास

❀ रघुवंशम् ➞ कालिदास

❀ अभिज्ञान शाकुन्तलम् ➞ कालिदास

❀ गीतगोविन्द ➞ जयदेव

❀ मालतीमाधव ➞ भवभूति

❀ उत्तररामचरित ➞ भवभूति

❀ पद्मावत् ➞ मलिक मो. जायसी

❀ आईने अकबरी ➞ अबुल फजल

❀ अकबरनामा ➞ अबुल फजल

❀ बीजक ➞ कबीरदास

❀ रमैनी ➞ कबीरदास

❀ सबद ➞ कबीरदास

❀ किताबुल हिन्द ➞ अलबरूनी

❀ चित्रांगदा ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गीतांजली ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ विसर्जन ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गार्डनर ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ हंग्री स्टोन्स ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गोरा ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ चाण्डालिका ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ भारत-भारती ➞ मैथलीशरण गुप्त

❀ डेथ ऑफ ए सिटी ➞ अमृता प्रीतम

❀ कागज ते कैनवास ➞ अमृता प्रीतम

❀ फोर्टी नाइन डेज ➞ अमृता प्रीतम

❀ इन्दिरा गाँधी रिटर्नस ➞ खुशवंत सिहं

❀ दिल्ली ➞ खुशवंत सिहं

❀ द कम्पनी ऑफ वीमैन ➞ खुशवंत सिहं

❀ सखाराम बाइण्डर ➞ विजय तेंदुलकर

❀ इंडियन फिलॉस्पी ➞ डॉ. एस. राधाकृष्णन

❀ इंटरनल इंडिया ➞ इंदिरा गाँधी

❀ कामयानी ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ आँसू ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ लहर ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ लाइफ डिवाइन ➞ अरविन्द घोष

❀ ऐशेज अॉन गीता ➞ अरविन्द घोष

❀ अनामिका ➞ सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

❀ परिमल ➞ सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

❀ यामा ➞ महादेवी वर्मा

❀ ए वाइस ऑफ फ्रिडम ➞ नयन तारा सहगल

❀ एरिया ऑफ डार्कनेस ➞ वी. एस. नायपॉल 

❀ अग्निवीणा ➞ काजी नजरुल इस्लाम

❀ डिवाइन लाइफ ➞ शिवानंद

❀ गोदान ➞ प्रेमचन्द्र

❀ गबन ➞ प्रेमचन्द्र

❀ कर्मभूमि ➞ प्रेमचन्द्र

❀ रंगभूमि ➞ प्रेमचन्द्र

❀ कितनी नावों में कितनी बार ➞ अज्ञेय

❀ गोल्डेन थेर्सहोल्ड ➞ सरोजिनी नायडू

❀ ब्रोकेन विंग्स ➞ सरोजिनी नायडू

❀ पल्लव ➞ सुमित्रानन्दन पंत

❀ चिदम्बरा➞ सुमित्रानन्दन पंत्त

❀ कुरूक्षेत्र ➞ रामधारी सिहं 'दिनकर'

❀ उर्वशी ➞ रामधारी सिहं 'दिनकर'

❀ द डार्क रूम ➞ आर. के. नारायण

❀ मालगुड़ी डेज ➞ आर. के. नारायण

❀ गाइड ➞ आर. के. नारायण

❀ माइ डेज ➞ आर. के. नारायण

❀ नेचर क्योर ➞ मोरारजी देसाई

❀ चन्द्रकान्ता ➞ देवकीनन्दन खत्री

❀ देवदास ➞ शरतचन्द्र चटोपाध्याय

❀ चरित्रहीन ➞ शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

#UPSI #HINDI

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

शिक्षा की पश्चिमी अवधारणा

 

शिक्षा की पश्चिमी अवधारणा

शिक्षा के प्रश्न को कई समाजों ने माना है, पश्चिमी या भारतीय। परिभाषा के अनुसार, शिक्षा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान का हस्तांतरण है; यह शिक्षण और सीखने की एक प्रणाली या अभ्यास है। इसके व्यापक अर्थ में भी, "शिक्षा किसी भी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को ज्ञान या अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है, या दृष्टिकोण या कौशल विकसित होता है"

1. सुकरात: "शिक्षा का अर्थ है सार्वभौमिक वैधता के विचारों को सामने लाना जो हर आदमी के दिमाग में अव्यक्त हैं"।

उसके लिए 'ज्ञान ही सद्गुण है'   और स्वयं को जानने के माध्यम से ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है इसलिए ' स्वयं को जानो' , वास्तविक ज्ञान का मार्ग सत्य है और सत्य वह मार्ग है जो सीधे ईश्वर की ओर ले जाता है।

2. प्लेटो एक आदर्शवादी थे और उन्होंने मानव शरीर और आत्मा की जरूरतों को पूरी तरह से महसूस किया। उनके अनुसार "शरीर और आत्मा को देने की शिक्षा जिसमें वे पूर्ण रूप से अतिसंवेदनशील हैं"

प्यार, सौंदर्य और अच्छाई की भावनाओं का समावेश
                                    
               ट्रूथ गुडनेस ब्यूटी

बौद्धिक विकास नैतिक विकास सौंदर्यबोध

(दर्शन, तर्क, (नैतिकता, नैतिकता, मूल्य) (कला, संगीत, चित्रकला)

गणित, भाषा

भूगोल, विज्ञान, इतिहास)

  
-बच्चे के व्यक्तित्व को बेहतर बनाना



3. अरस्तू: "शिक्षा खुशी प्राप्त करने की कला है न कि आनंद की खोज"
वह व्यक्ति को एक अच्छा इंसान बनाने पर जोर देता है, वह कहता है 'प्रत्येक के गुण में, सभी का गुण शामिल है'
                                                                                                        
                                                                         शरीर की शिक्षा

  शिक्षा के 3 पहलू चरित्र की शिक्षा

                                                                               बुद्धि की शिक्षा

  
4. रूसो: उसके अनुसार शिक्षा के 3 अलग-अलग स्रोत हैं

क) प्रकृति द्वारा शिक्षा : "हमारे अंगों और संकायों की संवैधानिक धारणा प्रकृति की शिक्षा है"
यह उस अपरिष्कृत आदमी को पुनर्स्थापित करता है जिसका एकमात्र कार्य एक आदमी होना है। चीजों के प्राकृतिक क्रम में, सभी पुरुष समान हैं, उनका सामान्य व्यवसाय मर्दानगी है।

ख) पुरुषों द्वारा दी गई शिक्षा : "हमें उस परिश्रम के बारे में सिखाया जाता है जो पुरुषों द्वारा दी गई शिक्षा का निर्माण करता है"
ग) परिस्थितियों से शिक्षा : हमारे अपने अनुभवों द्वारा किया गया अधिग्रहण ”

                                          शिक्षा के दो प्रकार

ए} नकारात्मक प्रकार की शिक्षा : “मैं नकारात्मक शिक्षा को कहता हूं, जो उन अंगों को पूर्ण करने के लिए है जो ज्ञान के उपकरण हैं, और इस ज्ञान को सीधे देने से पहले और यह समझदारी के उचित अभ्यास द्वारा कारण का रास्ता तैयार करने का प्रयास करता है। एक नकारात्मक शिक्षा आलस्य का समय है, उससे दूर है। यह गुण नहीं देता है, यह वाइस से प्रोजेक्ट करता है। यह सत्य को नहीं बिगाड़ता। यह त्रुटियों से परियोजना है।

बी] सकारात्मक शिक्षा:  "मैं सकारात्मक शिक्षा को कहता हूं जो समय से पहले दिमाग का निर्माण करता है और बच्चे को उन कर्तव्यों में निर्देश देता है जो मनुष्य के हैं।"

5. फ्रोबेल : “शिक्षा रोगाणु में पहले से ही लागू की गई चीज है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से बच्चा आंतरिक बाहरी बनाता है "
फ्रोबेल के शिक्षा के अर्थ के बुनियादी विचारों पर आराम किया
a) मुक्त आत्म अभिव्यक्ति और रचनात्मकता
बी) सामाजिक भागीदारी
ग) मोटर अभिव्यक्ति।

6. जॉन डेवी: "मेरा मानना ​​है कि एकमात्र सच्ची शिक्षा बच्चे की शक्तियों की उत्तेजना के माध्यम से आती है जिसमें सामाजिक परिस्थितियों की माँग होती है जिसमें वह खुद को पाता है।"
सामाजिक दृष्टिकोण: सबसे अच्छा और बुद्धिमान माता-पिता अपने बच्चे के लिए क्या चाहते हैं, जो कि समुदाय को अपने सभी बच्चों के लिए चाहिए

7. हर्बर्ट स्पेंसर: "शिक्षा पूर्ण जीवन है"।
स्पेंसर एक अज्ञेय थे जो मानते थे कि ज्ञान हासिल करने का एकमात्र तरीका वैज्ञानिक दृष्टिकोण था। उन्होंने महसूस किया कि धर्म अज्ञात का ज्ञान प्राप्त करने का एक निरर्थक प्रयास था

सोमवार, 18 जनवरी 2021

रचनात्मक formative evaluation and summative assessment

 मूल्यांकन एक कार्यक्रम या प्रक्रिया की जांच करने की प्रक्रिया है जो यह निर्धारित करने के लिए है कि क्या काम कर रहा है, क्या नहीं और क्यों। यह सीखने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के मूल्य को निर्धारित करता है और निर्णय और सुधार के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करता है। (रॉसेट, शेल्डन, 2001)



 मूल्यांकन को आम तौर पर दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: प्रारंभिक और सारांश।


 रचनात्मक

 एक प्रारंभिक मूल्यांकन (कभी-कभी आंतरिक के रूप में संदर्भित) एक कार्यक्रम के मूल्य को पहचानने के लिए एक विधि है, जबकि कार्यक्रम की गतिविधियां (प्रगति में) बन रही हैं। उन्हें ADDIE प्रक्रिया के किसी भी चरण के दौरान आयोजित किया जा सकता है। मूल्यांकन का यह हिस्सा प्रक्रिया पर केंद्रित है।


 इस प्रकार, औपचारिक मूल्यांकन मूल रूप से मक्खी पर किया जाता है। वे डिजाइनरों, शिक्षार्थियों, प्रशिक्षकों और प्रबंधकों को यह निगरानी करने की अनुमति देते हैं कि अनुदेशात्मक लक्ष्यों और उद्देश्यों को कितनी अच्छी तरह से पूरा किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य एएसएपी की कमियों को पकड़ना है ताकि उचित शिक्षण हस्तक्षेप हो सके जो सीखने वालों को आवश्यक कौशल और ज्ञान में महारत हासिल करने की अनुमति देता है।


 शिक्षण सामग्री, छात्र सीखने और उपलब्धियों, और शिक्षक प्रभावशीलता का विश्लेषण करने में औपचारिक मूल्यांकन भी उपयोगी है। । । औपचारिक मूल्यांकन मुख्य रूप से एक निर्माण प्रक्रिया है जो नई सामग्री, कौशल और समस्याओं के घटकों की एक श्रृंखला को एक अंतिम सार्थक पूरे में जमा करती है। - वैली गयोट (1978)

 इसके अलावा, प्रोटोटाइप का उपयोग एक या अधिक पुनरावृत्तियों का उपयोग करके किसी विशेष डिजाइन पहलू का परीक्षण करने के लिए प्रारंभिक मूल्यांकन में किया जाता है।


योगात्मक


 एक योगात्मक मूल्यांकन (कभी-कभी बाहरी के रूप में संदर्भित) कार्यक्रम की गतिविधियों के अंत में एक कार्यक्रम के मूल्य को आंकने का एक तरीका है (सारांश)। परिणाम पर ध्यान केंद्रित किया गया है।


 सभी आकलन योगात्मक हो सकते हैं (यानी, एक समसामयिक समारोह की सेवा करने की क्षमता है), लेकिन केवल कुछ में औपचारिक कार्यों की सेवा की अतिरिक्त क्षमता है। - स्क्रिप्न (1967)


 डेटा एकत्र करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरण प्रश्नावली, सर्वेक्षण, साक्षात्कार, अवलोकन और परीक्षण हैं। डेटा को इकट्ठा करने के लिए उपयोग किया जाने वाला मॉडल या कार्यप्रणाली एक निर्दिष्ट चरण-दर-चरण प्रक्रिया होनी चाहिए। डेटा को सटीक और मान्य बनाने के लिए इसे सावधानीपूर्वक डिज़ाइन और निष्पादित किया जाना चाहिए।


 प्रश्नावली बाहरी मूल्यांकन के लिए सबसे कम खर्चीली प्रक्रिया है और इसका उपयोग स्नातक सूचनाओं के बड़े नमूने एकत्र करने के लिए किया जा सकता है। प्रश्नावली का परीक्षण किया जाना चाहिए (परीक्षण करने से पहले) प्राप्तकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए उपयोग करने से पहले कि डिज़ाइनर जिस तरह से अपने ऑपरेशन को समझते हैं। प्रश्नावली डिजाइन करते समय, ध्यान रखें कि सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसके पूरा होने के लिए दिया गया मार्गदर्शन है। सभी निर्देशों को स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए। । । कुछ भी नहीं दिया जाना चाहिए।


 दो मूल्यांकन का इतिहास


 स्क्रिवन (1967) ने पहले फॉर्मेटिव मूल्यांकन और योगात्मक मूल्यांकन के बीच अंतर का सुझाव दिया। औपचारिक मूल्यांकन का उद्देश्य एक सतत गतिविधि (या व्यक्ति, उत्पाद, कार्यक्रम, आदि) के भीतर विकास और सुधार को बढ़ावा देना था। इसके विपरीत योगात्मक मूल्यांकन का उपयोग इस बात का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है कि क्या वस्तु के परिणामों का मूल्यांकन किया जा रहा है (कार्यक्रम, हस्तक्षेप, व्यक्ति आदि)।


 स्क्रिवन ने पाठ्यक्रम मूल्यांकन के प्रारंभिक और योगात्मक भूमिकाओं को अलग करने की आवश्यकता देखी। जबकि स्क्रिवन ने पसंदीदा मूल्यांकन किया - परियोजना या व्यक्ति का अंतिम मूल्यांकन करते हुए, वह क्रोनबैच के प्रारंभिक मूल्यांकन के गुणों को स्वीकार करने के लिए आया था - पाठ्यक्रम के विकास की प्रक्रिया का हिस्सा पाठ्यक्रम में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, जबकि यह अभी भी तरल है (वह इसे अधिक योगदान देता है एक उत्पाद का मूल्यांकन करने के लिए इस्तेमाल किए गए मूल्यांकन की तुलना में शिक्षा में सुधार)।


 बाद में, मिसनचुक (1978) ने माप प्राप्त करने के लिए परिभाषाओं को कसने की आवश्यकता पर एक पेपर दिया, जो कि अधिक सटीक हो। जो सबसे बड़ी असहमति का कारण लगता है वह है प्रीलिझ संस्करण में द्रव चालन या परिवर्तन को सख्ती से रखना (इससे पहले कि वह लक्ष्य आबादी को हिट करे)।


 पॉल सेटलर के (1990) निर्देशात्मक प्रौद्योगिकी के इतिहास में, उन्होंने बच्चों के टेलीविजन कार्यशाला द्वारा तिल स्ट्रीट और द इलेक्ट्रिक कंपनी को विकसित करने में कैसे उपयोग किया गया था, इस संदर्भ में दो मूल्यांकन का वर्णन किया है। CTW ने प्रोग्राम डिज़ाइनों की पहचान और परिभाषित करने के लिए औपचारिक मूल्यांकन का उपयोग किया जो विशेष शिक्षार्थियों के लिए सीखने के विश्वसनीय भविष्यवाणियां प्रदान कर सकते हैं। बाद में उन्होंने अपने प्रयासों को साबित करने के लिए (मैंने जो भी अच्छा प्रभाव डाला हो) साबित करने के लिए योगात्मक मूल्यांकन का उपयोग किया। जबकि सेटलर निर्देशात्मक डिजाइन की तकनीक में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर के लिए CTW की प्रशंसा करता है, वह चेतावनी देता है कि यह अभी भी अस्थायी है और इसे एक निश्चित सूत्र के बजाय प्रस्थान के बिंदु के रूप में अधिक देखा जाना चाहिए।


 सेटलर ने दो प्रकार के मूल्यांकन को परिभाषित किया है: 1) फॉर्मेट का उपयोग लक्ष्यों को परिष्कृत करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए किया जाता है, जबकि 2) सिद्धांत की वैधता का परीक्षण करने या एक शैक्षिक अभ्यास के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए किया जाता है ताकि भविष्य में प्रयास किए जा सकें। सुधारा या संशोधित किया जाना।


 इस प्रकार, मिसनचुक की परिभाषित शर्तों का उपयोग करने से सामान्य रूप से अधिक सटीक माप प्राप्त होंगे; हालाँकि, लागत अधिक है क्योंकि यह अत्यधिक संसाधन गहन है, विशेष रूप से समय के साथ क्योंकि पहले के सभी कार्य जो डिजाइन चरण में किए जाने हैं: बनाएँ, परीक्षण, रीडो, परीक्षण, फिर से करना, परीक्षण, फिर से करना, आदि; और सभी अधिमानतः लक्ष्य आबादी का उपयोग किए बिना।


 हालांकि, अधिकांश संगठन छोटे डिजाइन समय की मांग कर रहे हैं। इस प्रकार फॉर्मेटिव भाग को अन्य विधियों में ले जाया जाता है, जैसे कि तेजी से प्रोटोटाइप का उपयोग और परीक्षण और मूल्यांकन विधियों का उपयोग करके एक चाल के रूप में सुधार करना। कौन सा पाठ्यक्रम उतना सटीक नहीं है, लेकिन यह अधिकांश संगठनों के लिए अधिक उपयुक्त है, क्योंकि वे वास्तव में सामग्री के सटीक माप में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, बल्कि अंतिम उत्पाद - कुशल और जानकार कार्यकर्ता हैं।


 मिसनचुक की परिभाषित शर्तें सटीक माप के लिए एक कंटेनर में सारा पानी डालती हैं, जबकि विशिष्ट संगठन एक धारा में चलने वाले पानी की मात्रा का अनुमान लगाता है।


 इस प्रकार, यदि आप एक विक्रेता, शोधकर्ता हैं, या अत्यधिक सटीक माप की आवश्यकता है, तो आप संभवतः दो मूल्यांकनों को उसी तरह से परिभाषित करेंगे जैसे मिस्सुकुक। यदि आपको प्रशिक्षण / सीखने को तेज़ी से धकेलने की आवश्यकता है और यह सब सटीक माप के बारे में चिंतित नहीं हैं, तो आप इसे सबसे अधिक परिभाषित करते हैं कि अधिकांश संगठन कैसे करते हैं और सेटलर सीटीडब्ल्यू उदाहरण का वर्णन कैसे करते हैं।

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