प्राचीन काल के साहित्यकार
कालिदास:-
कालिदास का जन्म उज्जैन में हुआ था कालिदास उज्जैन राजा चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे इनकी तुलना विलियम शेक्सपियर से की जाती है इनकी प्रमुख रचनाएं रघुवंशम कुमारसंभव नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम् मालविकाग्निमित्रम् विक्रम वर्षीय खंडकाव्य में अंतर है कालिदास ने में अमरकंटक की सुंदरता का वर्णन किया एवं ऋतु का वर्णन किया।
भ्रतहरि:-
भरथरी उज्जैन में जन्मे जनश्रुति के अनुसार इन्हें विक्रमादित्य के अग्रज माना जाता है वह उज्जैन में भरथरी की गुफाएं स्थित है जबकि राजस्थान के सरिस्का क्षेत्र में इनकी समाधि स्थल है इसका प्रमुख रचनाएं तेज शतक नीति शतक श्रृंगार शतक वैराग्य शतक महाभाष्य दीपिका मीमसा वेदांत सूत्र वती भक्ति काव्य शब्द धातु समीक्षा आदि है।
बाणभट्ट:-
बाल मोटे राजा हर्षवर्धन के राज्य कवि थे इनकी प्रमुख रचनाएं हर्षचरित कादंबरी मुकुट तारिक पार्वती परिणय और चंडी का शतक थी।
भवभूति:-
जन्म पदमपुर विदर्भ जिला गोंदिया महाराष्ट्र भभूति कन्नौज शासक यशोवर्मन के दरबारी विद्वान थे इनके प्रमुख नाटक मालती माधव महावीर चरित्र उत्तररामचरित आदि है।
मध्य कालीन साहित्यकार
केशवदास:-
केशव का जन्म ओरछा टीकमगढ़ में हुआ है इन्हें कठिन काव्य का प्रेत भी कहा जाता है इनकी प्रमुख रचना रामचंद्रिका रसिकप्रिया रत्नावली कवि प्रिया जहांगीर जस चंद्रिका विज्ञान गीता है।
पद्माकर:-
पद्माकर का जन्म सागर में हुआ उनकी प्रमुख रचनाएं जगत विनोद गंगा लहरी राम रसायन पदमा भरण प्रबोध पचासा प्रताप सिंह विरुदावली जयसिंह विरुदावली ईश्वर पच्चीसी बहादुर virudavali।
भूषण:-
गुलशन का जन्म तक अंबापुर कानपुर में हुआ था उनकी प्रमुख रचना शिवराज भूषण शिव बावनी छत्रसाल दशक है।
आधुनिक साहित्यकार
पंडित माखनलाल चतुर्वेदी:-
इनको जन्म 4 अप्रैल 1819 में होशंगाबाद के बाबई नामक स्थान पर हुआ था यह एक भारतीय आत्मा के नाम से प्रसिद्ध है इन्होंने कुछ समाचार पत्र जैसे प्रभाव कर्मवीर प्रताप संपादन किया है इनकी प्रमुख रचना हिमगिरी हिम तरंगिणी पुष्प की अभिलाषा अमीरी इरादे गरीबा इरादे समय के पांव चिंतक को लाचारी वेणु ले गूंजे धारा आदि है।
सुभद्रा कुमारी चौहान:-
सुभद्रा कुमारी का जन्म प्रयाग इलाहाबाद में हुआ था इनकी प्रमुख रचना मुकुल 3 धारा बिखरे मोती सीधे-साधे चित्र वीरों का कैसा हो बसंत जलियांवाला बाग में बसंत झांसी की रानी सभा का खेल राखी की चुनौती बचपना दी है हिंदी कविता झांसी की रानी आज भी युवाओं के मन को राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत कर देती है।
गजानन माधव मुक्तिबोध:-
गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म श्योपुर मध्य प्रदेश में हुआ था इनकी प्रमुख रचनाएं चांद का मुंह टेढ़ा है कामायनी एक पुनर्विचार नए निबंध कार्ड का सपना एक साहित्यिक की डायरी सतह से उठता आदमी भूरी भूरी खाक धूल दिनकर की उर्वशी नई कविता का आत्म संघर्ष चंबल की छाती इत्यादि है
बालकृष्ण नवीन:-
बालकृष्ण शर्मा नवीन का जन्म शाजापुर में हुआ उनकी प्रमुख रचनाएं उर्मिला रश्मीरेखा कुमकुम अपलक विनोवा स्तवन इत्यादि है.
भवानी प्रसाद मिश्र:-
भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म होशंगाबाद में हुआ उनकी प्रमुख रचनाएं सतपुड़ा के घने जंगल अंधेरी कविता गीत पर रोज बुनी हुई रस्सी गांधी पंचशती चकित है दुख खुशबू के शिलालेख आदि है।
हरिशंकर परसाई:
प्रमुख व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का जन्म जवानी गांव होशंगाबाद में हुआ था उनकी प्रमुख रचनाएं रानी नागफनी की कहानी सदाचार का ताबीज ठिठुरता हुआ गणतंत्र बेईमानी की परत भूत के पांव पीछे शिकायत मुझे भी है हंसते हैं रोते हैं विकलांग श्रद्धा का दौर जैसे उनके दिन फिरे तब बात कुछ और थी पगडंडियों का जमाना तिरछी रेखाएं दी है।
शरद जोशी:-
शरद जोशी का जन्म उज्जैन में हुआ था उनक प्रमुख रचनाएं फिर किसी बहाने पिछले दिनों यथासंभव अंधों का हाथी एक था गधा जीप पर सवार इल्लियां रहा किनारे बैठ परिक्रमा दी है
मुल्लाह रामोजी:-
उर्दू कवि मूलाराम जी का जन्म भोपाल में हुआ था इन्हें गुलाबी उर्दू का जनक माना जाता है इनकी प्रमुख रचनाएं दीवाने मूलाराम अजीमुल्ला रामोजी गुलाबी उर्दू की औरत जात लाठी और भैंस आदि है।
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