टैक्स सिस्टम
कर एक प्रकार का अनिवार्य भुगतान है, जो उस व्यक्ति को अनिवार्य रूप से सरकार को देना पड़ता है जो कर आधार से संबंधित होता है तथा जिसके बदले करदाता को आवश्यक रूप से कोई लाभ नहीं प्राप्त होता कर आधार से आशय उस से है जिसके आधार बनाकर कर लगाया जाता है जैसे आयकर का कर आधार आय हैं।
कर दो प्रकार के होते हैं प्रत्यक्ष तथा परोक्ष कर।
१. प्रत्यक्ष कर :- हम उन करो को प्रत्यक्ष कर कहते हैं जिनके मौद्रिक तथा वास्तविक बोझ अर्थात कर से उत्पन्न ( impact) तथा करापात (इंसीडेंस) उसी व्यक्ति पर पड़ते हैं जिसके ऊपर सरकार कर लगाती हैं।
केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष कर :- व्यक्तिगत ,आयकर निगम कर ,उपहार कर,आयकर संपत्ति कर, पूंजी लाभ कर, लाभांश कर, ब्याज कर ,प्रतिभूति व्यवहार कर आदि।
राज्य सरकार के प्रत्यक्ष कर:- होटल प्राप्ति उपर कर, भू राजस्व कर, कृषि आय पर कर ,व्यवसाय कर, गैर अचल संपत्तियों पर कर रोजगार ऊपर कर इत्यादि।
२. परोक्ष कर :- जिन करो कि वास्तविक बोझ को विवर्ती किया जा सकता है उन्हें अप्रत्यक्ष कर कहते हैं।
केंद्र सरकार के अप्रत्यक्ष कर :- सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क ,केंद्रीय बिक्री कर और सेवा कर 1994
राज्य सरकार के अप्रत्यक्ष कर :- बिक्री कर, व्यापार कर, पंजीयन शुल्क, राज्य उत्पाद शुल्क ,वाहनों पर कर ,विज्ञापन पर कर, प्रवेश कर ,शिक्षा उपकर ,सट्टेबाजी पर कर, पेट्रोल पर बिक्री कर।
Note:- मूल्य वर्धित (VAT Value added tax)कर सबसे पहले हरियाणा में और सबसे अंत में उत्तर प्रदेश में लागू किया गया था।
- केंद्र को सर्वाधिक निवल राजस्व की प्राप्ति सीमा शुल्क को से होती है सीमा शुल्क से प्राप्त राजस्व का बंटवारा राज्यों को नहीं करना होता है।
- कर ढांचे में सुधार के लिए सुझाव देने हेतु चलैया समिति
का गठन अगस्त 1991में किया गया था।
- छोटे व्यापारियों के लिए एकमुश्त आयकर योजना की सिफारिश चलैया समिति ने की थी।
- चेलैया समिति ने गैर कृषकों की ₹25000 से अधिक की वार्षिक कृषि आय पर आयकर लगाने की संस्तुति की थी।
- केंद्रीय बिक्री कर एक ऐसा कर है जिसे केंद्र सरकार लगाती है पर जिसकी वसूली राज्य सरकार करती है ,तथा इसकी राजस्व प्राप्ति राज्य द्वारा ही ले ली जाती है इसकी शुरुआत 1% की अत्यंत ही अल्प दर से 1982 में शुरू किया गया था।
- वस्तु एवं सेवा कर (Good and s
Service tax) :- 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर की व्यवस्था लागू की गई है अब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार या दोनों द्वारा लगाए जाने वाले सभी कर की जगह सिर्फ एक जीएसटी लगेगा जो सभी वस्तुओं एवं सेवा कर के ऊपर लगेगा एक वस्तु के ऊपर जो भी जीएसटी कर की दर होगी वह पूरे देश में एक ही लगेगी।
- 8 सितंबर 2016 को अनुसूचित 101 वे संविधान संशोधन के द्वारा जीएसटी को लागू किया गया।
-जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर इन दरों पर लगेगा 0.25% 5% 12% 18% एवं 28% की विशेष दर से और सोने पर 3% कर लगेगा।
- संविधान में जीएसटी की परिभाषा के अनुसार मानव उपभोग के लिए अल्कोहल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, दूसरी और पांच पेट्रोलियम उत्पाद नामक कच्चा तेल मोटर स्पिरिट, पेट्रोल हाई स्पीड डीजल ,प्राकृतिक गैस, और एविएशन टाइप बटन को अस्थाई रूप से जीएसटी से बाहर रखा गया है ,और जीएसटी परिषद इन 5 उत्पादों पर जीएसटी लागू की तिथि का निर्धारण कर सकती है।
-जीएसटी लागू करने के लिए संसद ने इन विधेयक को पारित किया :
पहला - केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017
दूसरा - एकीकृत जीएसटी विधेयक 2017
तीसरा - जीएसटी राज्य की क्षतिपूर्ति विधेयक 2017
चौथा - केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी विधेयक 2017
- जीएसटी एक गंतव्य आधारित कर है । इसमें राज्यों के बीच विशेष रूप से विनिर्माण करने वाले राज्य में आशंका थी कि जीएसटी को लागू करने से उन्हें राजस्व की हानि होगी इसीलिए संविधान के 101 वें संविधान संशोधन के द्वारा वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए 5 वर्षों की अवधि के लिए राज्यों को क्षतिपूर्ति करने की व्यवस्था की गई है।
- जीएसटी से मुक्त वस्तुएं :- प्राकृतिक मधु ,दूध ,फूल झाड़ू ,खुला खाद्य पदार्थ ,लस्सी ,खुला पनीर ,दही, प्रसाद, जग्गेरी ,नमक ,गुड ,खाद्य पदार्थ ,स्वास्थ्य सेवाएं ,काजल, चित्रकला की किताबें ,शिक्षा सेवाएं ,और अंडा।
Note :- विश्व में सर्वप्रथम फ्रांस ने 1954 में अपने यहां जीएसटी लागू किया था।
-छोटे करदाताओं के लिए जीएसटी के लाभ :-
१. सकल वार्षिक टर्न ओवर 20 लाख तक होने पर कोई कर नहीं।
२. पूर्वोत्तर सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए छूट की सीमा 1000000
३. छूट सीमा से नीचे एक कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ के साथ स्वैच्छिक कर भुगतान कर सकते हैं।
४. यदि कर छूट की सीमा में है तो पंजीयन की कोई जरूरत नहीं।
जीएसटी परिषद संरचना :-
1. अध्यक्ष - केंद्रीय वित्त मंत्री
2. उपाध्यक्ष - राज्य सरकारों के मंत्रियों के बीच निर्वाचन
3. सदस्य। - केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री तथा सभी राज्यों के वित्त कराधान मंत्री
4. गणपूर्ति कोरम - कुल सदस्यों का 50%
5. निर्णय - 75% बहुमत से
(परिषद जीएसटी संबंधित सभी मुद्दों यथा विधि नियम दर आदि पर निर्णय करेगी)
- संवैधानिक संशोधन से यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि जीएसटी परिषद का प्रत्येक निर्णय बैठक में उपस्थित सदस्य और वेट वोटिंग के कम से कम तीन चौथाई वोटों से किया जाएगा ऐसी बैठक में केंद्रीय सरकार के वोटों का मान कुल डाले गए वोटों का एक तिहाई होगा और सभी राज्य सरकारों के वोटों का एक तिहाई साथ मिलाकर उस बैठक में डाले गए कुल वोटों का दो तिहाई मान होगा जीएसटी परिषद के कुल सदस्यों में आधे सदस्यों द्वारा बैठक की गणपूर्ति की जाएगी।
जीएसटी परिषद :- निर्णय
- जीएसटी से छूट के लिए सीमा 20 लाख रुपए होगी + (विशेष राज्य में 1000000)
- समय की छूट सीमा ₹5000000 है जिसमें
व्यापारी का 1%
निर्माता का 2% और
restaurant का 5%
- सरकार मौजूदा क्षेत्र अधारित झूठी योजनाओं को प्रतिपूर्ति योजना में बदल सकती है।
- चार कर दरे 5 ,12 ,18, 28%
- कुछ वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी से मुक्त।
- कीमती धातुओं के लिए अलग दरें।
- खास विलासिता वस्तुओं पर 28% की सर्वोच्च स्तर के ऊपर से भी लागू।
- सभी प्रशासनिक नियंत्रण के लिए एकल मंच सुनिश्चित करना।
- 1.5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले 90% करदाता के कर प्रशासन के अधीन रहेंगे।
जीएसटी समाहित अप्रत्यक्ष कर:-
क. केंद्र सरकार
1. केंद्रीय उत्पाद शुल्क
2. उत्पाद शुल्क (औषधीय और प्रसाधन सामग्री)
3. अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (विशेष महत्व की वस्तुओं)
4. अतिरिक्त उत्पाद शुल्क कपड़ा एवं कपड़ा उत्पाद
5. सेवा कर
6. केंद्रीय अधिकार और अगर जब तक कि वे वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित हो।
ख. राज्य सरकार
राज्य वेट
लग्जरी कार
प्रवेश कर
मनोरंजन कर
विज्ञापन पर कर
विक्रय कर
लॉटरी सट्टे और जुए से जुड़े कर
राज्य स्तरीय आभार और
जब तक की व्यवस्था और सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित हो।
- 1.5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले 10% करदाता ही केंद्रीय कर प्रशासन के अधीन रहेंगे।
- 1.5 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाले करदाता का विभाजन केंद्रीय तथा राज्य के कर प्रशासन के बीच समान रूप से होगा।
- जीएसटी में 17 अप्रत्यक्ष कर 8 केंद्रीय 9 राज्य स्तरीय और 23 ( केंद्रीय और राज्य उपकर समाहित है )।
•••••••••••••••thank you for reading••••••••••••••
अपने इस ब्लॉग में कर को बहुत अच्छी तरह में बताया है थैंक यू
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